गौ माता नंदिनी वंश

गोमाता का नन्दिनी वंश कश्यप की पत्नी "सुरभी" ( ११ ) से गौ या गोमाता नामक पुत्र पैदा हुआ। इसी गीया गोमाता के वंशधर नन्दिनी वंश के नाम से विख्यात हुये । यह नन्दिनी वंश मुख्य रूप से किस स्थान पर निवास करता था, इसका ठीक पता नहीं चलता, किन्तु इतिहासकार हेरोडाट्स के लेखों से गोमाता वंश का कुछ संकेत प्राप्त होता है । ईरान का एक क्षेत्र मेदिया कहलाता है । इस मेदिया को ही पुराणों में वर्णित अपतन, मद्र तथा मग व कहा गया है । यह मद्र ही प्राचीन मेडिया (मीडिया) जान पड़ता है। इसी मीडिया के निवासी गोमाता वंश कहाते थे । गोमाता वंश की एक शाखा नन्दिनी वंश भी है । पुरातन लेखों के अनुसार नन्दिनी वंश के लोग भारत में भी थे, यह लोग सम्भवतः वशिष्ठ राज्य में प्रजा की भाँति रहते थे । नन्दिनी लोगों ने वशिष्ठ के कहने पर एक बार विश्वामित्र तथा उनके सहयोगी सत्यव्रत (त्रिशंकु ) से भी युद्ध किया था, जिसे पुराणों में नन्दिनी गाय का झगड़ा बताया. गया है । यदि पौराणिक कथाओं को इतिहास की कसौटी पर कसा जाय तो काल्पनिक बातें भी स्पष्ट दिखायी पड़ने लगती हैं।

श्रापद जाति- इस वंश का मूल पुरुष श्रापद था, जो कश्यप की पत्नी “सरभा" (१२) का पुत्र था । इन पदों का नाम पुराणों में कहीं कहीं आया है किन्तु इनके बारे में कोई विशेष विवरण नहीं प्राप्त होता है ।

यदोगण - कश्यप की पत्नी तिमि (१३) से उत्पन्न पुत्र यदो या यह नाम से प्रसिद्ध हुआ । सिवाय इसके कि पुराणों में इनके नाम मिलते हैं बाकी विवरण प्राप्त नहीं होता । कुछ → पौराणिक लेखों के अनुसार यदोगण देवों में मिल गये प्रतीत होते हैं। संभवतः इन यदुओं को बाद में जड़ी और उसके बाद यहुद्दी अथवा यहूदी कहा जाने लगा जिनका प्राचीन स्थान कश्यप सागर के पास ही है ।

सूर्य वंश - सूर्य वंश को आदित्य भी कहा जाता है । कश्यप की पत्नी अदिति से आदित्य या सूर्य नामक पुत्र पैदा हुआ जिसके नाम पर सूर्य वंश की प्रतिष्ठा हुई। सूर्य वंश का • विवरण आगे लिखा गया है ।

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