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History of Arkha estate|| अर्कवंशीयों की रियासत ||Arkha Riyasat History || अरखा स्टेट || Arkvanshi

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अरखा रायबरेली जिले की ऊंचाहार तहसील में स्थित ग्राम सभा है। जोकि अपनी राजधानी रायबरेली से लगभग ४० किलोमीटर दूर और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग ११४ किलोमीटर दूर है। १२,००० से भी अधिक की जनसंख्या वाले इस क्षेत्र में अवधी और हिंदी भाषी लोगों की संख्या बहुतायत हैं।  बात करें रायबरेली के अन्तर्गत आने वाले अरखा के इतिहास की तो इस क्षेत्र पर ब्रिटिश काल से पूर्व ही उत्तर प्रदेश में लंबे समय से शासन कर रहे अर्कवंशी क्षत्रियों का आधिपत्य स्थापित था। इन्हीं अर्कवंशी राजाओं के नाम पर ब्रिटिशकाल में यह क्षेत्र अरखा स्टेट और अरखा रियासत के नाम से प्रचलन में आया। वास्तव में यह अर्कवंशी के 'अर्क' शब्द के अपभ्रंश रूप 'अरक' तत्पश्चात 'अरख' में परिवर्तित होकर स्थानीय बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल होने लगा। जिससे इस क्षेत्र का नाम 'अरखा' पड़ा।  मुगलिया सल्तनत के समय जब तक इस क्षेत्र पर अर्कवंशीयों का शासन स्थापित था तब तक मुगलों के साथ इनका युद्ध संघर्ष जारी रहा। भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के आते ही जैसे जैसे मुगल सल्तनत अपने पतन की ओर अग्रसर होता गया। इ

Suryavanshi Arkvanshi Kshatriyon Ki Pratigya || सूर्यवंशी अर्कवंशी क्षत्रियों की प्रतिज्ञा || Arkvanshi Kshatriya

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  अयोध्या भगवान श्रीराम जन्मभूमि पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से जहां भगवान श्रीराम में आस्था रखने वाले जन समुदायों में खुशी की लहर है तो वहीं इससे भी ज्यादा खुशी अयोध्या और पड़ोसी जिले बस्ती सहित संतकबीरनगर , सिद्धार्थनगर एवं आस पास के गांवों में रहने वाले अर्कवंशी - सूर्यवंशी क्षत्रिय समाज में काफी खुशी की लहर देखी जा सकती है।   इसकी भी एक बहुत बड़ी वजह है सूर्यवंशी - अर्कवंशी क्षत्रिय समाज द्वारा ली गई एक प्रतिज्ञा के चलते लगभग 500 साल से भी अधिक समय से इस समाज ने अपने सिर पर पगड़ी नहीं बांधने , पैरों में चमड़े के जूते नहीं पहनने और छतरी नहीं धारण करने का प्रण ले रखा था। प्रदेश में रहने वाली कई लाखों की जनसंख्या वाले अर्कवंशी - सूर्यवंशी क्षत्रिय समाज ने 500 सालों तक कभी भी शादी विवाह में सिर पर पगड़ी नहीं बांधी और सिर को खुला रखने के लिए मौरी को धारण करना शुरू कर दिया था ( जिसमें सिर खुला दिखता है ) जोकि आज भी देखा जा