अर्कवंशी क्षत्रियों की दुविधा- क्या हम क्षत्रिय हैं?
अर्कवंशी क्षत्रियों की दुविधा- क्या हम क्षत्रिय हैं? सदियों तक अज्ञानता और गुमनामी के अंधेरों में लुप्त रहने के बाद अब अर्कवंशी क्षत्रियों में अपने इतिहास को जानने व अपनी पहचान को स्थापित करने की ललक जाग उठी है, जिसके फलस्वरूप अर्कवंशी युवाओं के दिमाग में बहुत से प्रश्न उठने लगे हैं। इनमें से कुछ प्रश्न तो स्वभाविक हैं परन्तु कई प्रश्न दूसरे समाज के मूर्ख व अज्ञानी लोगों से बहस करने के कारण पैदा होते हैं। क्या हम क्षत्रिय हैं, यदि हां तो दूसरे हमें क्षत्रिय क्यों नहीं मानते; समाज का पढ़ा-लिखा, संपन्न तबका क्षत्रियों के रूप में स्वीकृत हो भी जाये तो कमजोर व निर्धन वर्ग को कैसे ये मान्यता मिलेगी; क्षत्रिय बनने से कहीं आरक्षण की सुविधा न समाप्त हो जाये - इस प्रकार के कई प्रश्न युवाओं के मन में कौंधते रहते हैं, जिनका समाधान जरूरी है। इन प्रश्नों के उत्तर जानने से पहले ये समझना जरूरी है कि 'क्षत्रिय' शब्द का मतलब क्या है, क्षत्रिय कौन होता है? हिन्दू धर्म की वर्ण-व्यवस्था के अनुसार जिस वर्ण को शासन व प्रजा की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गयी, उसे क्षत्रिय कहा गया। शुरूआत मे