अर्कवंशी क्षत्रियों का इतिहास
लव के वंशज हुए मेवाड़ के शासक, मेवाड़ नरेश राजकुमार लव के वंशज है जिनमें वल्लभीपुर (गुजरात) शासक महाराजा कनक सेन अर्कवंशी जोकि युवराज लव के वंशधर थे इन्होंने ने ही सूर्यवंश की मित्रकुल शाखा का आरंभ किया जिसे इतिहासकारों ने मैत्रक नाम दिया हैं। इन्हीं महाराजा कनक सेन अर्कवंशी की पीढ़ियों में जाकर मेवाड़ नरेश राजा गुहादित्य हुए जोकि मेवाड़ के शासक बने। इसके बाद महाराजा कनक सेन अर्कवंशी की रक्त पीढ़ी में महाराजा दलपतसेन अर्कवंशी हुए जिनके पुत्र महाराजा खड़ग सेन अर्कवंशी हुए जिन्होंने उत्तर प्रदेश में खागा नगर की स्थापना करी थी। उसके बाद इनके ही वंशजों ने आगे चलकर इंद्रप्रस्थ शासक महाराजा त्रिलोकचंद्र अर्कवंशी हुए जिनकी 9 पीढ़ियों ने इंद्रप्रस्थ पर शासन किया उसके बाद 13वीं सदी तक महाराजा सल्हीय सिंह अर्कवंशी और उनके भाई महाराजा मल्हीय सिंह अर्कवंशी एवं उनके पुत्रों युवराज शीतल सिंह अर्कवंशी, युवराज समद सिंह अर्कवंशी का मुस्लिमों और तुर्को से सैय्यद मख़दूम अलाउद्दीन द्वारा युद्ध हुआ। जय क्षात्र धर्म🚩🚩