सूर्यवंशी (अर्कवंशी) क्षत्रिय कुल देव एवं क्षत्रिय साम्राज्य वंशावली

सूर्यवंशी (अर्कवंशी) क्षत्रिय कुल देव एवं क्षत्रिय साम्राज्य वंशावली--------->>>

सूर्यवंशी (अर्कवंशी) क्षत्रियों के पूर्वज एवं वंशज भगवान सूर्य "अर्क" देवता के उपासक रहे है,
 और उन्हें अपना कुल देव मानते हैं...

सूर्यवंश (अर्कवंश) में अनेकों प्रतापी राजा-महाराजा हुए उन्होंने बहुत ही संघर्ष करके सत्य मार्ग पर चलकर अपने वंश को आगे बढ़ाया वो अपनी प्रजा की रक्षा के लिए अपने प्राणो को बलिदान कर देते.. 
सदैव अपने राज्य की रक्षा करके सत्य मार्ग पर अडिग रहे...
                                         
                                                                                     
                      सूर्यवंश (अर्कवंश) में प्रभु श्री रामचंद्र जी ने जन्म लिया अनेकों दुःख उठाये अपने वचन को निभाने के लिए, 14 वर्षो का वनवास उठाया... 
इसी वंश में महाराजा हरिश्चंद्र जी हुए उन्होंने अपने वचन को निभाने के लिए 
अपना राज्य-पाट सबकुछ दान कर दिया अनेकों कष्ट उठाये परन्तु सत्यमार्ग को नहीं छोड़ा..
इसी वंश में महाराजा तिलोकचंद अर्कवंशी हुए  
जिन्होंने इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) पर अपना शासन किया     
एवं सत्यमार्ग पर चलकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया...
इसी वंश में महाराजा विक्रमचंद अर्कवंशी हुए इन्होने कठिन संघर्ष करते हुए सत्यमार्ग पर चलकर अपने क्षत्रिय वंश का विस्तार किया..
सूर्यवंश (अर्कवंश) में महाराजा मानकचंद अर्कवंशी इन्होने अपने साम्राज्य को आगे बढ़ाया एवं सत्यमार्ग पर चलकर अपने साम्राज्य को आगे बढ़ाया... 
एवं इसी प्रकार 
सूर्यवंश (अर्कवंश) में 
महाराजा रामचंद अर्कवंशी,
 महाराजा हरि चंद अर्कवंशी,
महाराजा कल्याण चंद अर्कवंशी 
महाराजा भीमचंद अर्कवंशी 
महाराजा लोकचंद अर्कवंशी
महाराजा गोविन्द चंद अर्कवंशी
महारानी भीमा देवी अर्कवंशी जी हुई एवं उन्होंने कठिन संघर्ष करके अपने साम्रज्य को सुशोभित किया अपना दायित्व निभाया एवं अपने अर्कवंश समाज को आगे बढ़ाया...
अर्कवंश (सूर्यवंश) क्षत्रिय समाज में २ महाप्रतापी राजा हुए महाराजा सल्हिय सिंह अर्कवंशी (बड़े भ्राता) एवं महाराजा मल्हिय सिंह अर्कवंशी (अनुज भ्राता) हुए 
महाराजा सल्हिय सिंह अर्कवंशी ने संडीला (हरदोई) में अपना साम्राज्य स्थापित किया 
महाराजा मल्हिय सिंह अर्कवंशी ने मलिहाबाद (लखनऊ) में अपना साम्राज्य स्थापित किया
संडीला नगरी आज भी महाराजा सल्हिय सिंह की गाथा सुना रही है...
पुराने डाक बंगले के पास महाराजा सल्हिय सिंह अर्कवंशी जी की प्रतिमा मूर्ति स्थापित है जो आज भी वीर गाथा सुना रही है ..



जय श्री राम जय सूर्यवंश (अर्कवंश)

Comments

  1. राजपूत कोतवार क्षत्रिय. चौहान वंश से चली कोटवार साखा.सेंगर वंश से निकली कोतहवार साखा .गुहिल वंश से चली कोतपाल साखा.गहलौत वंशी कोतवाल साखा.दहिया वंशी कोतवार साखा.चदेल वंशी कोतवाल साखा.परिहार वंशी कोटवार.चंद्र एवं सूर्य दोनो वंशो से ये साखाये चली और बिस्तार हुई। जिस राजकुमार के हाथो मे कोतवाली का काम सौपा गया उनकी संतान कोटवार/कोतवाल वंश के कहलाये. इन राजपूतो ने अपना सहयोग लोगो को दिया एवंं हर तरह से रक्षा की।ये कुछ अपनी अपनी समाज मे मिल गये कुछ अपनी समाज मे नही मिल पाये वंशावली मे इस वंश का उदारण दिया गया। कोतपाल.कोटवार राजपूत कहलाने वालो के आलावा अन्य किसी जाती का इस वंश से कोई संमबन्ध । क्यो की पूर्व से से यह वंश चला और राजा साही जमाने से चलता रहा। कुछ कोटवार/कोतवाल आज भी अपना सहयोग दे रहे है मगर ओ जिस जाती से संवधित है उसी जाती का प्रायोग करते है। अन्य और किसी जाती का सरकारी नौकरी कोटवारी चौकीदारी करने बाले अदर समाज का इस समाज से कोई संवध नही.

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  2. राजपूत कोतवार क्षत्रिय. चौहान वंश से चली कोटवार साखा.सेंगर वंश से निकली कोतहवार साखा .गुहिल वंश से चली कोतपाल साखा.गहलौत वंशी कोतवाल साखा.दहिया वंशी कोतवार साखा.चदेल वंशी कोतवाल साखा.परिहार वंशी कोटवार.चंद्र एवं सूर्य दोनो वंशो से ये साखाये चली और बिस्तार हुई। जिस राजकुमार के हाथो मे कोतवाली का काम सौपा गया उनकी संतान कोटवार/कोतवाल वंश के कहलाये. इन राजपूतो ने अपना सहयोग लोगो को दिया एवंं हर तरह से रक्षा की।ये कुछ अपनी अपनी समाज मे मिल गये कुछ अपनी समाज मे नही मिल पाये वंशावली मे इस वंश का उदारण दिया गया। कोतपाल.कोटवार राजपूत कहलाने वालो के आलावा अन्य किसी जाती का इस वंश से कोई संमबन्ध । क्यो की पूर्व से से यह वंश चला और राजा साही जमाने से चलता रहा। कुछ कोटवार/कोतवाल आज भी अपना सहयोग दे रहे है मगर ओ जिस जाती से संवधित है उसी जाती का प्रायोग करते है। अन्य और किसी जाती का सरकारी नौकरी कोटवारी चौकीदारी करने बाले अदर समाज का इस समाज से कोई संवध नही.

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  3. राजा साही जमाने एक वंश से कई बंश चले उन्ही मे कोटवार.कोतवाल.कोतपाल.आदि नाम की साखाये चली। पूर्व समय से जो यह साखा चली और अपना सहयोग युद्ध भूमी मे दिया बह वंश ठाकुर नाम से नवाजा गया कुछ अपने असली वंश मे सम्लित हो गये और कुछ शासकी नौकरी के चलते कोटवार या कोतवाल जाती से जाने गये ओ राजपूत समबंन्धित क्षत्रीय जाती से समबन्धित कहलाय।ब्राहमण वादी के चलते अलग से एक जाती बनाई गई इस वंश के योद्धाओ ने युद्ध मे अपनी जाने गवाई सुरक्षा के लिए गाव गाव मे पुलिस का काम करने के लिए ठहराया गया और चौकीदार बनाया गया जो आज तक अपना सहयोग दे रहे है कम संख्या के चलते इस समाज को दवाया गया प्रताणित किया गया सासन के चलते कम बेतन के कारण इस वंश का भरण पोसण पूर्ण रूप से नही चल पाता। और गरीबी के घेरे मे घिरते रहे आज के समय मे स्थिती दयनीय है। रक्षक ही क्षत्रीय है और इस वंश का अपना प्रामण अपनी महत्वता अलग ही है. यह पीढी रठौर.बुंदेला.परिहार.कछवाहे.परमार.गहलौत.बघेला.चदेला.गहरवार.आदी क्षत्रीयो से निकली साखाये है जिनका इतिहास मे वर्णन है एवं वंशावली मे प्रमाण है बिना प्रमाण के किसी बात पर टिप्पटणी करना व्यर्थ है। और यह समाज अपनी पूर्व समाज मे मिल गई एवं अलग से यह समाज के रूप मे उभरा इस वंश की पहचान चौकीदारी ग्राम रक्षा कोटवारी करना नौकरी एक जाती बन कर रह गई। अन्य जाती का इस समाज से जो आज के समय शासकी नौकरी ग्राम रक्षा कोटवारी चौकीदारी अदर समाज के कर रहे उनका कोई संबन्ध नही।

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  4. Gaharwar rajpooot ke upar koi list banaie
    Gaharwar rajpooot suryavanshi rajpooot hai

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  5. https://www.youtube.com/channel/UC8L7EoubaijH_08Gm1gIxxg

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  6. thanks you very much brother! I feel proud to read my arkvansh history

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    1. No one accept that arkvanshi are kshatriya they said they belong to obc and in some place it's write arakh so,when people search arakh it written they belong to schedule casts and they are passi. So if the government can do anything for it .It will be good and clear to every one that who are arkvanshi. Because any kshatriya didn't marriage in arkvanahi and they don't believe and accept that arkvanshi are kshatriya.

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  7. In my friend caste certificate it's written Arakh they are from.hardoi but they said they are arkvanshi so,why it's written arakh becoz if u search arakh as it is written in caste certificate ,it's written arakh are scheduled caste they are paasi

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  8. mujhe kotbar samaj ka pura ithihas chahiye kirpya karke meri madad kare

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